ऐसी सज़ा तुम्हे अब, मैं दे के जा रहा हूँ
कि उम्र भर तड़प कर, भी भूल ना पाओगे
हर एक सितम भुला कर, तुम्हे मु-आफ कर रहा हूँ
मुझे याद करके अपनी, पॅल्को को भीगाओगे
ऐसे चला जाउन्गा, मैं दूर तुमसे हमदम
अपने जहाँ में मुझको, तुम ढूँढ ना पाओगे
सौ राज़ की बातों में, एक राज़ दफ़न रख कर
सारे जहाँ से मेरा, तुम नाम छुपाओगे
बेशक छुपा सकोगे, दुनिया से अपने गम को
झूठी हसी का चेहरा, किस-किस को दिखाओगे
मैं कैसे मान लू कि, तुम इतने संग-ए-दिल हो
कि छोड़ कर मुझे दिल, गैरो से लगाओगे
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