Monday, December 14, 2009

सवाल ‘?’

वो दिल का धड़कना , वो सांसो का रुकना,

वो पॅल्को का उठना, फिर शर्मा के झुकना

है कहते मोहब्बत नही उनको हमसे,

कोई तो बताए ये क्या माजरा है ?


मोहब्बत है क्या, ये ना मुझको पता थी,

तुम्ही ने सिखाया , तुम्ही ने दिखाया

तुम्हे भूल कर के भी जीता रहू मैं

ये रब की नही, क्या तुम्हारी रज़ा है?


सवालो को मेरे जवाबो का घर दो,

जो कट ना सके, तुम ना ऐसा सफ़र दो

थी मेरी खता क्या, ना मैं जान पाया ,

ज़रा तुम बताओ ये कैसी सज़ा है ?

2 comments:

gyaneshwaari singh said...

तुम्हे भूल कर के भी जीता रहू मैं

ये रब की नही, क्या तुम्हारी रज़ा है?

sahi swal kiya hai apne ..lekin jina hi padta hai yahi jindagi hai

Anoop said...

Apne jazbaaton ko kya bakhoobi lafjon ka jama pahnaya hai aapnee...kya khub kahi