Monday, September 28, 2009

ना नींद है आँखों में,सपनों की भी कमी है

अश्कों की धार से क्यूँ इन पलकों में नमी है

क्यूँ दिल मेरा डरता है, हर दिन के गुजरने से

तुझे खोने के डर से क्यूँ ये सासें भी थमी है


था बिखरा आसियाना ये दिल बिखर चुका था

तुमने इसे संजोया , जो कब का मॅर चुका था

जीने की आस मुझमे, फिर से जगाई तुमने

चलने की एक वजह दी, जो सदियों से रुका था


ना तोड़ जाओ उनको, जो पहले से टूटे हैं

ना छीनो खुशी लब से, की कब से ये रूठे हैं

गर अब बिखर गया तो, फिर जुड़ ना सकूँगा मैं

आयत है समझा जिनको, क्या वादे वो झूठे हैं ?


कोई तुम्हे बताए ,तुम्हे कितना चाहता हूँ

हर एक दुआ में रब से, क्या क्या मैं माँगता हूँ

तेरे लबों पे खुशिया खिलती रहे सदा यू

और गम तेरे सारे मैं बदले में माँगता हूँ


Sunday, September 27, 2009

I am Still Alive!!!

I am waiting, I am trying
I am living, I am dying !
I am winning, I am loosing
I am laughing, I am crying !!

But I am still alive, Ya I am still alive

Hoping you to come, To let me feel bright
To kiss my lips, and to hug me tight !
To touch my heart, To hold my hand
To fill my loneliness, By my side you stand !!

So I am still alive, Ya I am still alive

I am waiting to touch, I am waiting to feel
I am waiting for the day,When the wounds will heel!
When you'll come to my life, And my sorrows go away
With love and happiness, and flowers all our way !!

So I am still alive, Ya I am still alive

Now that you are there, my life seems new
What I only know is, I am complete with you !
In my dreams and my thoughts, That is what I see
You are the one for me, Ya you are the one for me !!

So I am still alive, Ya I am still alive

Saturday, September 26, 2009

दिल का दर्द, और दर्द की दवा बन जाओगे
मेरा हर एक गुनाह, और गुनाहों की सज़ा बन जाओगे
मुलाक़ातें तो हर रोज़ होती है किसी ना किसी से
छोटी सी एक मुलाकात में, ना जाने क्या बन जाओगे

मुझे मंज़िल पे ले चले, तुम वो रास्ता बन जाओग
इबादत मुझे सिखा कर, तुम मेरे खुदा बन जाओगे
कभी माँगा तुम्हे और फिर कभी पूजा तुम्हे मैने
नही सोचा था की तुम मेरे लिए जहाँ बन जाओगे

Tuesday, September 22, 2009

सोचता हूँ मैं की दुआ मांगू
खुदा से मैं कैसे खुदा मांगू
इस उम्र के बदले कुछ दे सके तो
मैं तेरी खातिर ये जहाँ मांगू

Tuesday, September 15, 2009

वो झूट हज़ारो बोले, पर सच तुझको लगता है

निगाहों में उसकी क्यूँ, खुद का चेहरा दिखता है

तू तडपे उसकी खातिर, वो कभी तुझे ना समझे

और उसकी एक झलक पर,दीवाना दिल मरता है


है लाख दीवाने उसके, तू भी उनमे दीवाना

हर पल है तूने चाहा, उसकी खातिर मर जाना

तू भी ना जाने उसकी, यादो में क्यूँ है जीता

ये इश्क़ का पागलपन है, तूने ये क्यूँ ना जाना?

Monday, September 14, 2009

जलती है शमा रात भर , परवाने भी जलते हैं

मेरी नज़र से देखो , वो दीवाने ही जलते हैं!

ये जलाने को जलती है , वो जलने को मचलते हैं

फिर भी ना बाज आते, कि शमा पे वो मरते हैं!!

Wednesday, September 9, 2009

मत जगा उम्मीद की शमा इन आँखों में ओ साकी

क्या इश्क़ की हक़ीक़त, ये दीवाना नही जानता

मैं जानता हूँ उससे मोहब्बत का अंजाम

पर ये दिल ही कम्बख़त, उसे बेवफा नही मानता


Tuesday, September 8, 2009

is a title always requird ? :(

है भोर हो गयी अब, सूरज भी निकल आया
है जिस सुबह की हमको तलाश वो कहा है
कितनी ही रातें बीती, तेरी याद में ओ हमदम
हो तू मेरी बाहों में वो रात अब कहा है
बस आस है आएगी, मेरे लिए ही फिर तू
होने को शाम आई, ये दिन भी ढल रहा है
मुझे भूलने से पहले, बस मिल के चली जाना
तुझे देखने की खातिर, ये मन मचल रहा है
है याद मुझको अब भी, सर्दी की शाम कातिल
जब शीत गिर रही थी और सब ठिठुर रहे थे
देखा था मैने तुझको, आगोश में किसी के
तब भी ये दिल जला था और अब भी जल रहा है
तेरी मेरी कहानी, लिखने चला था मैं भी
कलम है बे ज़ुबान और कागज भी रो रहा है
जिसे उम्र भर भरने को बाहें तड़पती मेरी
ना जाने क्यूँ किसी की बाहों में सो रहा है
अब दफायें कम नही मेरी सजाओं में
आख़िर माँगा है मैने तुझे दुआओं में !
काफ़िर कहते हैं सब मुझे अक्सर यहा
कि खुदा बन गया है तू मेरी निगाहों में !!

Wednesday, September 2, 2009

हार से जीत चुराने को

थी बीच भंवर में फसी हुई,

और थी दुविधा में धसी हुई

कोई तो मुझे निकालेगा, जीवन की नाव संभालेगा

ये आस थी मन में बसी हुई


पर सच तो है ये आता नही, कोई भी तुम्हे बचाने को

तुम पानी क लिए तड़पो और सब आए आग लगाने को

थक गया भाग-भाग कर अब,

जाने आएगी मंज़िल कब

कोई जो राह दिखाएगा, मेरा हमराही कहलाएगा

कितना आसान लगता था सब


पर सच तो है ये आता नही, कोई भी राह दिखाने को

तुम एक किरण को तरसो, और सब आए दीप बुझाने को

थी चाह मुझे फूलों की भी ,

और खुश्बू की थी ख्वाइश भी,

कोई तो बाग लगाएगा, सारा आँगन महकाएगा

था स्वप्न यही पतझड़ में भी

पर सच तो ये है आता नही, कोई भी बाग लगाने को

तुम आस लगाओ फूलो की, सब आए काटें चुभाने को


नदिया भी अब रुक जाती है,

क्यूँ बहने से कतराती है

कोई तो उसे बहाएगा, एक राह भी नयी बनाएगा

ये सोच के वो थम जाती है

पर सच तो ये है आता नही, कोई भी वेग बहाने को

वो राह खोजती फिरती है, सब आए बाँध बनाने को

हर दुख को अब मैं सहता हूँ,

जीवन से लड़ता रहता हूँ

इतना तो मैने जान लिया, खुद को भी अब पहचान लिया

और इसीलिए मैं कहता हूँ


बस सच तो ये है आता है, तू ही खुद को समझाने को

खुद को विजयी कर जाने को और हार से जीत चुराने को

Tuesday, September 1, 2009

I think u love me

False ?
I don't believe ...
True ?
I wish it could be !
I don't know what i want
But I think
you still love me !!

You are far
you are near ...
Your memories
bring me tear !
In my dreams
i find you here
But I think
you still love me !!

When i walk
against the wind ...
When i am alone
in the sand !
You give me strength
to withstand
And I think
you still love me !!

I still remember
your wet eyes
I still find tears
rolling down your cheeks !
I still feel the pain
when i dont find you
And I believe
you still love me !!

When i fight
for each second of my life ...
And they tear my heart
with a sharp knife !
I still wait for you
and i survive
Just to hear that
you still love me !!