वो झूट हज़ारो बोले, पर सच तुझको लगता है
निगाहों में उसकी क्यूँ, खुद का चेहरा दिखता है
तू तडपे उसकी खातिर, वो कभी तुझे ना समझे
और उसकी एक झलक पर,दीवाना दिल मरता है
है लाख दीवाने उसके, तू भी उनमे दीवाना
हर पल है तूने चाहा, उसकी खातिर मर जाना
तू भी ना जाने उसकी, यादो में क्यूँ है जीता
ये इश्क़ का पागलपन है, तूने ये क्यूँ ना जाना?
1 comment:
hmmm nice
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