जब रात समेंटे आँचल में, हर शाम गुजरना चाहेगी
जब बरसेंगे बादल थल पर, और धरती प्यास बुझाएगी
स्वाती की बूँदें भी जब, मोती की माल सजाएँगी
और रजनीगंधा की खुश्बू, जब रातों को महकाएगी
है वेहम नहीं मेरा दिल का, एक प्यार भरी सच्चाई है
ये दूरी ना जीने देगी तुझे, तू मुझसे मिलने आएगी
हर एक पत्तती तेरे उपवान की, जब पतझड़ में खो जाएगी
ये नादिया भी सूखी होंगी, और प्यास तुझे तड़पाएगी
जब आग लगा देगा सावन, बिजली तन को छू जाएगी
ना साथ मेरे होने का गम, जब नैनो से बरसाएगी
है वेहम नहीं मेरा दिल का, एक प्यार भरी सच्चाई है
ये दूरी ना जीने देगी तुझे, तू मुझसे मिलने आएगी
खुश्बू से होंगे बाग भरे, पर मेरी महक ना आएगी
और याद मेरी हर बार तुझे, एक काटें सी चुभ जाएगी
जब दूर कही बजती बंसी, तुझे मेरी याद दिलाएगी
हर एक लम्हा जो साथ रहे, जब सपनो में दोहराएगी
है वेहम नहीं मेरा दिल का, एक प्यार भरी सच्चाई है
ये दूरी ना जीने देगी तुझे, तू मुझसे मिलने आएगी
एक रात अंधेरी भी होगी, जो कभी नही कट पाएगी
करुणा भरी मेरी पुकार, सूनेपन में खो जाएगी
तू तो शायद सो सकती है, तेरी आँखें ना सो पाएँगी
और सपनो में उठ उठ कर जब तन्हाई तुझे सताएगी
है वेहम नहीं मेरा दिल का, एक प्यार भरी सच्चाई है
ये दूरी ना जीने देगी तुझे, तू मुझसे मिलने आएगी
3 comments:
This is one of the best poems i have read till date...
nice collection in the blog
how truely the emotions are expressed of a lover waiting for her partner...too good
By god... aapni sari desperation us pe daal di..
;)
nice idea boss... let me try this as well.. :P
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