इक साँस भी लेने से पहले
हम याद उन्ही को करते हैं !
हम उनके प्यार में जीते हैं
और उनके लिए ही मरते हैं !!
कहीं खो ना जायें वो हमसे
ये सोच के हम घबराते हैं !
सब सूना सूना लगता है
जब उन्हे नही कभी पाते हैं !
जब धूप कभी हमें लग जाए
वो फूलों सा मुरझाते हैं !
जब खुशी हमें मिलती है तो
वो कलियों सा खिल जाते हैं !!
जब हमें नही पाते हैं वो
तो बेक़रार हो जाते हैं !
और पतझड़ के सूखे पत्तों के
जैसे वो झड़ जाते हैं !!
क्या उनके बिन जी पाएँगे ?
ये सोच के डर लग जाता है !
कुछ ऐसा हमारा रिश्ता है
कुछ ऐसा उनसे नाता है !!
4 comments:
well tum toh ek mast poet ho. All poems till date that i have read are awesome
Nice poetry.
Keep blogging.
Adding you to my list of frequented blogs
nice one :)
I am jealous of the girl for which this poem is written..hatts off dharam for such a great poetry
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