उसके जाने का असर
कुछ ऐसा हुआ मुझ पर
अब तो महफ़िल से डर,
तन्हाई पे प्यार आता है
अपनो का भरोसा होता नही
पर गैरों पर यकीन हो जाता है
बारिश की बूँदो का ख़ौफ़ है मुझको
भीगना चाहता हूँ,
पर सैलाब बरस जाता है
बुझ जाए शमा तो कोई गम नही
कोई फिर से ना जला दे
ये ख़याल डरा जाता है
आज उस मोड़ पर खड़ा हूँ, जिसे चाहा ना था
जिन ख्वाबो को किसी ने, बेरहमी से मसल दिया
उन्ही लम्हो को दोहराने में, इस दिल को क़रार आता है
कुछ ऐसा हुआ मुझ पर
अब तो महफ़िल से डर,
तन्हाई पे प्यार आता है
अपनो का भरोसा होता नही
पर गैरों पर यकीन हो जाता है
बारिश की बूँदो का ख़ौफ़ है मुझको
भीगना चाहता हूँ,
पर सैलाब बरस जाता है
बुझ जाए शमा तो कोई गम नही
कोई फिर से ना जला दे
ये ख़याल डरा जाता है
आज उस मोड़ पर खड़ा हूँ, जिसे चाहा ना था
जिन ख्वाबो को किसी ने, बेरहमी से मसल दिया
उन्ही लम्हो को दोहराने में, इस दिल को क़रार आता है
1 comment:
diamond composition....keep the flame burning inside you.... let the poet inside do his work...wish u all the very best.
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