
ऐसे ही आशाओ के, कुछ दीप जलाना चाहूँगा
तुझे याद कर के पल-पल, मैं ख्वाब सजाना चाहूँगा !
यकीं नही हो गर मुझपर, एक बार पलट कर पूछ तो ले
क्या मरने के बाद भी मैं, कभी तुझे भूलाना चाहूँगा !!
हर एक नज़्म से तेरी मैं, सौ गीत सुनाना चाहूँगा
तेरी पायल की झंकार से मैं, सरगम के सुर भी सज़ाउँगा !
बेशक तू मुझसे कुछ ना कह, एक बार पलट कर पूछ तो ले
मैं तेरी खुशियों की खातिर, चुप रह कर भी जी जाउन्गा !!
तुझे धूप कही ना लग जाए, मैं बादल सा छा जाउन्गा
तेरे आने की आहट पर मैं, खुश्बू सी फ़िज़ा बहाउँगा !
ना आने की तू बात ना कर, एक बार पलट कर पूछ तो ले
तू हाँ कर दे तेरी खातिर, इस दुनिया से लड़ जाउन्गा !!
तेरी नफ़रत की आग में मैं, कागज की तरह जल जाउन्गा
तू पास नही मेरे दिल के तो, मैं जीते जी मर जाउन्गा !
मुझे मिटाने से पहले, एक बार पलट कर पूछ तो ले
शायद तेरी चाहत में मैं खुद ही मिट जाना चाहूंग !!.